आज भेदभाव भरे समय में कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि रसखान के दोहे जन्माष्टमी के पावन अवसर पर-
राधा माधव सखिन संग बिहरत कुंज कुटीर
रसिक राज रसखानि जहं कूजत कोइल कीर।
राधा, माधव एवं सखियाँ एक संग बृंदावन में वनविहार कर रहें हैं।
इस आध्यात्मिक प्रेम दृश्य देख जहां कोयल भी कूक रहीं है।
उसे देखकर रसिक कवि रसखान इस के माधुर्य में डूब जाते हैं.

Courtesy Wikipedia-रसखान (जन्म: १५४८ ई) कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। उनका जन्म पिहानी, भारत में हुआ था। हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है।

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