अभिमन्यु की तरह (कविता) poem of an unborn baby

मेरी पाँच कविताएँ / My 5 Poems Published in She The Shakti, Anthology– POEM 2

 

चक्रव्यु तोङने वाले ,

अभिमन्यु की तरह सुनती वहाँ,

बाहर की बातें –

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,

मुझे नहीं पता, मैं कौन हूं? बेटा या बेटी ?

पर बङे शुकून से मैं थी वहाँ,

सबसे सुरक्षित, महफूज।

तभी, एक दिन किसी ने प्रश्न किया –

बेटा है या बेटी ?

आवाज आई – बेटी !!

धीमा सा उत्तर आया – नहीं चाहिये, गिरा दो ।

 

Source: अभिमन्यु की तरह (कविता) poem of an unborn baby

 

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अभिमन्यु की तरह (कविता) poem of an unborn baby

 

 

baby

चक्रव्यु तोङने वाले ,

अभिमन्यु की तरह सुनती वहाँ,

बाहर की बातें  –

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,

मुझे नहीं पता, मैं कौन हूं?  बेटा या बेटी ?

पर बङे  शुकून से मैं थी वहाँ,

सबसे सुरक्षित, महफूज।

तभी, एक  दिन किसी ने प्रश्न किया  –

          बेटा  है या बेटी ?

आवाज  आई – बेटी !!

धीमा सा  उत्तर आया – नहीं चाहिये, गिरा दो ।