मुझे तन्हा न कर जाना

कहने में देर हो गई कि

मुझे तन्हा न कर जाना।

तन्हा हैं रात-दिन और फ़ज़ाएँ

कहाँ खोजें, कैसे भूल जायें?

अब है तन्हाई की उस मंज़िल पर,

जहाँ मालूम नहीं

यह मकाँ है, क़ब्र है, या मज़ार है?

जी रहे है क्योंकि मर-मर कर,

जीने के तरीक़े हज़ार है।

#TopicByYourQuote

तन्हा तन्हा सफ़र

जहान में आए तन्हा,

जाना है यहाँ से तन्हा।

तन्हाई अकेलापन नहीं, है एकांत।

ग़र मिलना है ख़ुदा से, ख़ुद से।

तन्हाईयाँ हीं मुलाक़ात हैं करातीं।

अक्सर जीवन का सफ़र होता है क़ाफ़िले में,

फिर भी होती हैं दिल में तनहाइयाँ।

मिलो सबों से,

पर करो अपने साथ सफ़र।

ना जाने क्यों ख़ूबसूरत तन्हाईयाँ हैं बदनाम।