क्या है स्माइलिंग डिप्रेशन ?

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो? क्या गम है जिसको छुपा रहे हो?

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सबों ने यह गाना सुना होगा – तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो?  पर शायद हीं जानते होगें कि  ऐसा डिप्रेशन में भी हो सकता। ऐसे में जाने या अनजाने लोग अपनी तकलीफ मुस्कुराह के पीछे छुपातें हैं। क्योंकि मानसिक समस्याअों को आज भी स्टिगमा माना जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ट्रस्टेड सोर्स के एक पेपर के अनुसार, ऐसे डिप्रेशन,  क्लासिक डिप्रेशन की तुलना में एंटीटेटिकल (परस्पर विरोधी) लक्षण दिखाते हैं । जिससे यह परेशानी  जटिल बन जाता है। अक्सर बहुत से लोग यह समझ भी नहीं पातें हैं कि वे उदास हैं या डिप्रेशन में हैं।

स्माइलिंग डिप्रेशन या अवसाद – ऐसे व्यक्ति  बाहर से पूरी तरह खुश या संतुष्ट दिखाई देतें हैं। उनका जीवन बाहर से सामान्य या सही दिखता है।  लेकिन उनमें भी डिप्रेशन जैसी समस्याएँ अौर लक्षण रहतें हैं, जैसे उदास रहना, भूख नहीं लगना, वजन संबंधी परेशानी, नींद में बदलाव, थकान आदि। विशेष बात यह है कि  ऐसे लोग सक्रिय,  खुशमिजाज, आशावादी, और आम तौर पर खुश दिखतें हैं। क्योंकि अवसाद के लक्षण दिखाना इन्हें कमजोरी दिखाने जैसा लगता है।

ऐसे लोगों को किसी भरोसेमंद  घनिष्ट दोस्त या परिवार के सदस्य से खुल कर बातें करना फायदेमंद हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सकमनोचिकित्सक की सहायताटॉक थेरेपी  आदि से भी समस्या सुलझाई जा सकती हैं।

 

 

आघात – प्रतिघात  

The true mark of maturity is when somebody hurts you and you try to understand their situation instead of trying to hurt them back.

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कई तरह के लोगों को देखा है।

 कुछ तो खोए रहते हैं अपने आप में, कुछ अपने दर्द में।

पर बीमार अौर खतरनाक वे हैं जिन्हें मजा आता है,

दूसरों को बिन कारण दर्द और तकलीफ पहुंचाने में।

 सबसे सही संतुलित कौन  है?

ऐसे भी लोगों को देखा है,

जो चोट खा कर भी चोट नहीं करते।

आघात के बदले प्रतिघात नहीं करते।

 क्योंकि

वे पहले दूसरे की मनःस्थिति को समझने की कोशिश करते हैं।

 

 

दर्द भरे दिल पर बोझ

दर्द भरे दिल पर पङे बोझ को जब उठाया

उसके तले दबे
बहुत से जाने पहचाने नाम नज़र आये।

जो शायद देखना चाहते थे….
तकलीफ देने से कितना दर्द होता है?

पर वे यह तो भूल गये कि
  चेहरे पर पङा नकाब भी तो सरक उनके असली चेहरे दिखा गया।