पसंद

पसंद

हम चाहें ना चाहें,

सब हमें चाहें।

हम कबूलें या ना क़बूलें लोगों को,

पर हमें सब क़बूल करें।

यह ज़िद्द क्यों, सब पसंद करें तुम्हें?
क्या कायनात मे सभी पसंद हैं तुम्हें?