ख़ुशख़बरी !! Good News to Share!

मेरी एक कहानी “कर्ण” प्रतिष्ठित हिंदी साहित्यिक पत्रिका प्रतिज्ञान में प्रकाशित हुई है।

यह कहानी मेरे हृदय के बहुत निकट है — महाभारत के कर्ण के अंतर्मन, उसकी उदारता और मौन गौरव को शब्द देने का मेरा एक छोटा-सा प्रयास है।

इस रचना का इस पत्रिका में स्थान पाना मेरे लिए हर्ष और प्रेरणा दोनों है।

कहानी की लिंक नीचे दी गई है।

I’m delighted to share that my story “Karn” has been published in a renowned Hindi Literary Magazine- Pratigyan.

This story, close to my heart,explores the depth and silent strength of Karna — one of the most inspiring figures from the Mahabharata.

It’s a small but meaningful milestone in my writing journey, and I’m happy to share this joy with all of you.

The link to the magazine and the story is also given below.

https://www.amazon.in/kindle/redeem/?t=GS942YX8XTCRWAU

मित्रता कर्ण की

लोग उदाहरण देते है कृष्ण- सुदामा के मित्रता की .

पर जान दे कर दोस्ती

तो कर्ण ने भी निभाई दुर्योधन से .

जब कृष्ण ने लालच दिया ज्येष्ठ पांडव बन

राज्य और द्रौपदी को पाने की .

कर्ण के दिल में ठंडक और चेहरे पर मृदु मुस्कान छा गई .

उसका भी परिवार है . वह राज पुत्र है . ……

जिस द्रौपदी को उसने पहली

नज़र में पसंद किया था

,वह उसकी भी अर्धनगिनीबन सकती है .

तभी स्मृति में एक और चेहरा आया .

दुर्योधन को वह धोखा कैसे दे सकता ?

जिसने उसे सम्मान दिलाया .

तब जब उसके अपनो ने भी उसे नहीं पहचान दी . …..

और युद्ध की नियति जानते हुए भी

मित्र के लिए मृत्यु का वरण किया……

 

 

 

मानवता – कविता #beingtrulyhuman-Poem


Indian Bloggers


साम्राज्य  छोङ बुद्ध   ने कहा-

मानवता हित अौर सेवा सबसे ऊपर

हम भूले, विश्व में फैला बुद्धत्व।

ईशु ने  दिया  विश्व शांति,  प्रेम और  सर्वधर्म   सम्मान संदेश।

कुरआन ने कहा  जहाँ मानवता वहाँ अल्लाह।

गीता का उपदेश- कर्मण्यवाधिकारस्ते मा……

– निस्वार्थ  कर्तव्य पालन करो।

कर्ण ने सर्वस्व अौर दधिची  ने किया अस्थि दान ,

कितना किसे याद है, मालूम नहीं।

मदाधं  मानवों की पशुवत पाशविकता जाती नहीं।

मानव होने के नाते, हमारे पास ज्ञान की कमी नहीं।

बस याद रखने की जरुरत है,

पर हम ङूबे हैं झगङे में – धर्म, सीमा, रंग , भाषा……..

हम ऊपरवाले की सर्वोत्तम कृति हैं !

कुछ जिम्मेदारी हमारी भी बनती है।

 

Topic of Indispire –

What would be your idea of an evolved human being? #beingtrulyhuman

 

Image from internet.