तन थके तो आराम चाहिए।
मन थके तो सुकून चाहिए।
“जो होगा अच्छा होगा”
मन के सुकून और शांति के लिए,
यह विश्वास क़ायम रखना है ज़रूरी।
कोशिश से बना सकते है यह यक़ीन।
गीता में छुपा है यह जीवन सार –
जो हुआ अच्छा हुआ।
जो हो रहा है वह अच्छा है।
जो होगा वह भी अच्छा होगा।
