ज़िंदगी में लोंग आते हैं सबक़ बन कर।
फ़र्क़ यह है कि किस का असर कैसा है?
वे तराश कर जातें या तोड़ कर ?
पर तय है एक बात ,
चोट करने वाले भी टूटा करते हैं।
हथौडिया छेनियाँ भी टूटा करतीं है।
Image – Aneesh

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Lockdown generation’ of young workers will need extra help after COVID-19. Young women worst affected.
अहले सुबह नींद खुली मीठी, गूँजती आवाज़ों से.
देखा बाहर परिंदों की सभा है.
शोर मचाते-बतियाते किसी गम्भीर मुद्दे पर, सभी चिंतित थे
– इन इंसानों को हुआ क्या है?
बड़े शांत हैं? नज़र भी नहीं आते?
कहीं यह तूफ़ान के पहले की शांति तो नहीं?
हाल में पिंजरे से आज़ाद हुए हरियल मिट्ठु तोते ने कहा –
ये सब अपने बनाए कंकरीट के पिंजरों में क़ैद है.
शायद हमारी बद्दुआओं का असर है.
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