पूछा जलते और ढलते सूरज ने।
तपन के बावजूद हम साज़िश करते रहते है
ताकि चाँद तुम दमक सको
मेरी प्रतिबिंबित रोशनी से।
मिलन ना लिखा हो हमारा।
पर ख्वाहिश है कि
चाँद तेरी दूधिया चाँदनी चमके
आफ़ताब….सूरज की रौशनी से।

Topic by yourquote
पूछा जलते और ढलते सूरज ने।
तपन के बावजूद हम साज़िश करते रहते है
ताकि चाँद तुम दमक सको
मेरी प्रतिबिंबित रोशनी से।
मिलन ना लिखा हो हमारा।
पर ख्वाहिश है कि
चाँद तेरी दूधिया चाँदनी चमके
आफ़ताब….सूरज की रौशनी से।

Topic by yourquote
औरत क्या सिर्फ़ एक ज़िद्दी पेड़ की तरह है?
कही से उखाड़ कर कही और लगा दो।
उसे पनपना ही होगा।
चाहे उसमें इसकी शक्ति हो ना हो।
उसे पसंद हो ना हो।
पत्नी ना रहे तो कहते हैं आदमी कब तक रहे अकेला?
पति ना रहे तो कहते हैं –
पत्नी को वैधव्य धर्म निभाना चाहिए।
इतना फ़र्क़ क्यों?
Every woman should have the same
rights as men, because a woman is
the mother who gives birth to a man.
We should always respect them.
~~ RAJA RAM MOHAN ROY
(20th August 1828, the first session of Raja Ram Mohan Roy’s Brahmo Samaj was held in Kolkata.)
