तांडव #Covid19

कहते हैं जीवन के अंतिम सत्य का एहसास श्मशान में होता है।
सचमुच यह सत्य महसूस हुआ बाँस घाट श्मशान के पास से गुजरते हुऐ,
अौर काशी में मणिकर्णिका घाट की अविराम जलतीं चितायें देख कर।
मोक्ष की आकांक्षा से खिंचे चले आते हैं लोग काशी।
अौर  चिता की अग्नि धधकती रहती है इस महाश्मशान में।
एक चिता की अग्नि बुझे ना बुझे
धधक उठतीं हैं दूसरी चिता की लाल-पीली लपटें ।
 
आज रोज़ मिल रहीं हैं किसी ना किसी के निर्वाण की दुखद खबरें। 
 बन गईं हैं सारी श्मशानें, महाश्मशान, ….
…निरंतर जलती,  हवा में अजीब गंध बिखेरती।
थके व्यथित  परिजन अस्पताल, ईलाज़, ऑक्सीजन , दवा की लाइनों 
के बाद पंक्ति बना रहें गुजरे स्वजनों  के  अंतशय्या के लिये मसानों में।
 बिजली और गैस शव दाह गृह, क्रेमाटोरियम 
की दीवारें, भट्टियां, लोहे गल रहे अनवरत जलती अपनी हीं आग में ।
क्या यह संहारक शिव का तांडव है?
या जल रहें हैं हम सब मानव,  
मानवता अौर नैतिकता भूल अपनी हीं गलतियों के आग में? 

12 thoughts on “तांडव #Covid19

  1. सुकून है इन पंक्तियों में। लेकिन दुखद भी है कि मृत्यु आई पर कफ़न और लकड़ी तक नसीब ना हुई। पर कोई नहीं सब चला चली का खेला है। कोई चल गया है कोई गठरी बाँध इंतज़ार में खड़ा है। 🙏😊

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    1. शुक्रिया शैंकी अपने विचार शेयर करने के लिए।
      आज स्थिति बड़ी विकट है। अगर यह इन्सानों द्वारा बनाई स्थिति /man made है। तब यही कहा जा सकता है – विधाता द्वारा इन्सानों को मिली बुद्धि का इससे बड़ा दुरुपयोग नहीं हो सकता। ऐसे में नतीजा तो भुगतना ही होगा।

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  2. This is the result of misdeed done by humans for centuries… Kehna mushkil hai ki ye shiv ji ka tandav hai. Agar nhi bhi hai to ye insan ki galtiyon ka fal hi hoga.
    Excellent poem depicting the current situation…

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    1. Thanks Ashish!
      Human life is meaningless today . Most important is power n politics in the nation and between the nations .
      Shiv Taandav to symbolic hai, Destroy ko express karne ke liye.
      China ko blame kare ya logo ko. Lekin sajaa to ham sabko jhelna hi padega.

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    1. सच बताऊँ अनिता? जब कोई बात मुझे बहुत परेशान करने लगती है। तब उसे लिख कर हीं मैं अपना दिल-दिमाग़ हल्का कर पाती हूँ। यह कविता भी उसका हीं उदाहरण है। मालूम नहीं अभी कोरना की इस स्थिति का परिणाम क्या होने वाला है।

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  3. आप सच कह रही हैं । जाने ये सब कब खत्म होगा ओर हम सभी का जीवन फिर से सामान्य हो सकेगा । मन में एक डर हमेशा बना रहता है कहीं कोई हमारा हमसे दूर ना हो जाए ।
    नवरात्रा के समय मम्मी-पापा व भाई के दो छोटे बच्चें
    बीमार हो गए थे । मन बहुत डर गया था ।अब सब ठीक है। कोरोना की वजह से दो साल से हम अपने परिजनो से मिलने भी नहीं जा सके।

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    1. हाँ, हम सब डरे-सहमें अपने क़ैद में ज़िंदगी जी रहे हैं। फिर भी मन में अनजाना भय बना हीं रहता है।
      यह ख़ुशी की बात है कि तुम्हारे यहाँ सब सकुशल है। तुम कहाँ रहती हो? मेरी शुभकामनाएँ है कि
      तुम सब स्वस्थ रहो! Stay happy, healthy and safe!

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      1. रेखा दीदी आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद 🙏🏼मैं अपने पति व दो बच्चों के साथ
        रिलायंस टाउनशिप जामनगर में रह रही हूँ । हमारे सभी परिजन जयपुर ( राजस्थान )में रहते हैं ।2019 में बेटी 10वी कक्षा में थी इस वजय से जाना नहीं हो पाया ।मार्च2020 में जाने की योजना थी, उसी समय आॅफिस
        की ओर से सभी को यात्रा ना करने के निर्देश दिये गये ।
        सभी टाउनशिप वाले कठोर नियमों का पालन कर रहे हैं ।
        हम यहाँ 95 प्रतिशत सुरक्षित है। टाउनशिप से जाने के लिए
        परमिशन लेनी होती है ओर आने से पूर्व 14दिन आॅफिस
        के द्रारा निर्धारित होटल में निरीक्षण में रहना होता है ओर
        टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही आप अन्दर आ सकते हो।
        यहाँ बहुत अच्छी व्यवथा है, सभी जरूरी सेवाओं से जुड़े
        लोगों को यहाँ रखा गया वे लोग भी यहाँ अपने परिवार वालों से दूर रह रहे हैं ।एक साल से सभी लोग सिर्फ जरूरी
        सामान लेने के लिए ही बाहर निकलते हैं ।

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      2. बहुत अच्छी व्यवस्था है तुम्हारे यहाँ। अच्छा है ऐसे समय में ये कड़ाई से नियमों का पालन कर रहे हैं।
        😊

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