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दो आँखों का रिश्ता-
बेहद अज़ीब है।
दोनों करीब है।
ये रोती साथ हैं।
हँसती भी साथ-साथ हैं।
किसी से नफरत हो या मुहब्बत,
एक साथ करतीं हैं।
पर इनका ना कभी है सामना ना मुलाकातें।
एक दूसरे से अजनबी, नावाकिफ, अपरिचित।
नज़रों से नज़ारा देखतीं हैं ये एक साथ।
सारा जहाँ देखती हैं साथ।
पर ना देखा कभी एक दूसरे को।
कभी सामना हुआ भी तब,
तैरते अक्स आईने में दिख रहें हों जब।

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