ज़िंदगी के रंग – 197

जीवन के संघर्ष हमें रुलातें हैं ज़रूर,

लेकिन दृढ़ और मज़बूत बनातें हैं.

तट के पत्थरों और रेत पर

सर पटकती लहरें बिखर जातीं हैं ज़रूर.

पर फिर दुगने उत्साह….साहस के साथ

नई ताक़त से फिर वापस आतीं हैं,

नई लहरें बन कर, किनारे पर अपनी छाप छोड़ने.

19 thoughts on “ज़िंदगी के रंग – 197

  1. सही कहा आपने। लाइट हाउस को देखिए, थपेड़ों के बीच खडा
    भय से नही डरा
    नाविकों को राह दिखाता
    अपनी जगह पर अडा।
    जिंदगी के यही माएने हैं।

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