ज़िन्दगी के रंग -141

कुछ लोगों की

कुछ बातें

मन में गूँजती हैं.

कुछ खट्टी कड़वी ,

कुछ मीठी प्यारी .

ताउम्र इन लोगों को भुलना मुश्किल होता हैं.

अब सोचना यह हैं कि

लोग हमारी कौन सी

प्रतिबिंब…छवि  मन में बसाएँ.

और याद रखें हमेशा .

4 thoughts on “ज़िन्दगी के रंग -141

  1. बहुत सही कहा रेखा जी आपने । मुकेश जी का अमर गीत भी तो यही कहता है :
    इक दिन बिक जायेगा माटी के मोल
    जग में रह जायेंगे, प्यारे तेरे बोल

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    1. कुछ ऐसी हीं बातें हैं. ज़िंदगी में अक्सर ऐसे लोग आसपास हीं मिल जाते हैं , जिनकी बातें ख़ुशी कम तकलीफ़ ज़्यादा देतीं हैं. तब मुझे यही ख़्याल आता हैं. आपने बिलकुल सही गीत याद दिला दी.

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