ना जाने किन-किन बातों पे रोना आया,
इतना तो याद है …..
हँसने की कोशिश पे रोना आया।
किनारे पहुच कर अपने
को डूबते देख, रोना आया।

ना जाने किन-किन बातों पे रोना आया,
इतना तो याद है …..
हँसने की कोशिश पे रोना आया।
किनारे पहुच कर अपने
को डूबते देख, रोना आया।

Nice
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Thanks.
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ये पल भी कभी-कभी खूबसूरत लगता है, जब हम छुपकर जी भरके रोते हैं। जब हम दिल भरकर रोते हैं तो हमारे अंदर परिपक्वता बढ़ जाती है। ऐसा मैनें अनुभव किया।
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सही कह रहे हो. जब भी तकलीफ़ हो या दिल को चोट लगे रो लेना चाहिए. रोने से मन और दिल हल्का हो जाता है.
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मैनें तो मजाक में कहा था। अब सच में रोना पड़ेगा।😢😢😢
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पर सच यही है कि कभी कभी रोना ज़रूरी होता है.
तुम्हारी उम्र तक तक तो ज़िंदगी काम हीं रुलाती है . इसलिए हँस कर जीयो .
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😊😊😊😊
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Very deep and thoughtful
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Thank you.
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