ज़िंदगी के रंग -121

7 thoughts on “ज़िंदगी के रंग -121

  1. यादो को दफ्नाया नही जाता…
    ख्वाबो को सुलाया नही जाता…

    remembering lines…
    वक़्त ने दी है आज दस्तक
    और कहा है मुझसे…
    तुम कैसे ख़्वाब बुनना चाह रहे हो…
    more on
    https://myexperienceswithmyself.wordpress.com/2018/12/21/तुम/

    Liked by 1 person

      1. यादें तो आनी जानी हैं…
        संस्मरण है इसका इलाज…

        आती जाती साँसो की डोर को पकड़
        मन के संग, यादों से परे, जो हम चलें,
        तो मन रहे ध्यान में, और तन काम में
        एक पल भी ना गुज़रेगा तकलीफ़ में

        Liked by 1 person

Leave a reply to Rekha Sahay Cancel reply