ऐसा क्यों हैं – 2 ? व्यंग

चोरों की ,चोरियों की कहानियाँ सुनी काफ़ी चोर पकड़े जाते भी सुना

पर चोरनी की बातें,कम हीं सुनने में आतीं हैं.

डाकुओं की फ़िल्मे देखी पर

इनी – गिनी महिला डाकूओ की चर्चा सुनी

वह भी दस्यु सुंदरी के सम्मन के साथ .

क्या महिलाओं में साहस -मर्दानगी की कमी हैं ?

भोली हैं? जो इस फ़ील्ड को पसंद नहीं किया ?

या शातिर हैं ? इसलिए बच निकलती हैं?

या यहाँ भी पुरुष वर्चस्व हैं?ऐसा क्यों हैं?

सोचिए ज़रा……

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