अंधेरी रात , बिजली गुल ,
मोमबत्ती की रौशनी ,गरजते बादल ,
रिमझिम वर्षा की बूँदे ले जाती हैं ,
यादों के साये में.
क्या सिर्फ़ मुझे या किसी और को भी ?
जो दुनिया की भीड़ में खो चुका हैं……,

अंधेरी रात , बिजली गुल ,
मोमबत्ती की रौशनी ,गरजते बादल ,
रिमझिम वर्षा की बूँदे ले जाती हैं ,
यादों के साये में.
क्या सिर्फ़ मुझे या किसी और को भी ?
जो दुनिया की भीड़ में खो चुका हैं……,

सबके नसीब में यादें भी नही होती।बहुत खूब।
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धन्यवाद मधुसूदन.
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खो तो सब गए है, पर ये सब है वापस लाने के लिए ।।।। बढ़िया ।। 🙂
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धन्यवाद मिशा 😊
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