दोस्ती…मैत्री….

घंटो बातें करो

या फिर बिलकुल बातें ना हो ,

दोस्ती या सम्बन्धों को,

निभाने का यह तरीक़ा

कुछ समझ नहीं आता .

क्या कोई बता सकता है ?

क्यों करते हैं लोग ऐसा ?

15 thoughts on “दोस्ती…मैत्री….

  1. …..ये वक्त का खेल है कभी बातें करना जरूरी होता है तो कभी खामोश रहना….

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  2. ….सब वक्त का खेल है कभी बातें करना जरूरी होता है तो कभी खामोश रहना

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