कुछ गैर ऐसे मिले,
जो मुझे अपना बना गए।
कुछ अपने ऐसे निकले,
जो गैर का मतलब बता गए।
दोनो का शुक्रिया
दोनों जिंदगी जीना सीखा गए।

Unknown
कुछ गैर ऐसे मिले,
जो मुझे अपना बना गए।
कुछ अपने ऐसे निकले,
जो गैर का मतलब बता गए।
दोनो का शुक्रिया
दोनों जिंदगी जीना सीखा गए।

Unknown
उम्र चाहे जो भी हो मनचाहे रिश़्ते,
अपने आप हमउम्र हो जाते हैं।

Unknown
Silence is an empty space,
space is the home
of the awakened mind.

Buddha~
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त
दर्द से भर न आये क्यों
रोएंगे हम हज़ार बार
कोई हमें सताये क्यों…….

ग़ालिब
कभी कभी समझ नहीं आती ,
क्यों है ज़िंदगी इतनी उलझन भरी ?
जितनी सुलझाओ उतनी
ही उलझती जाती है .
रंग बिरंगे उलझे धागों की तरह
कहीं गाँठे कहीं उलझने हीं उलझने
और टूटने का डर …..
क्या यही है ज़िंदगी ?
