ऐसा नहीं होता

जो हो इक बार वो हर बार हो, ऐसा नहीं होता

हमेशा एक ही से प्यार हो, ऐसा नहीं होता

कहीं कोई तो होगा जिसको अपनी भी ज़रूरत हो

हर इक बाज़ी में दिल की हार हो, ऐसा नहीं होता.

( सधन्यवाद जितेंद्र माथुर जी के कविता संकलन से प्राप्त रचना )

12 thoughts on “ऐसा नहीं होता

  1. प्रेम बहती नदियों के जल की तरह है किसी से भी जो सकता है।ये अलग बात है कि लोग सारे प्रेम में बस एक ही रिश्ता देखते हैं।बन्धन इंसानों को मौन कर सकता है दिल को नहीं।

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    1. दिल में उतरने वाली पंक्तियाँ . आपने प्रेम की बड़ी अच्छी व्याख्या की है . शुक्रिया .

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  2. Kabhi kabhi duniya badi hote hue bhi chhoti pad jaati hai…..
    Ik koi hota jo har mod par milta rahta hai…
    Kabhi lagta usko chhod kar kuchh iss duniya me baaki hi nahi hai…..

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