वर्तमान

भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है यह भय

भूत काल का दुख ….अफसोस ….पछतावा

क्या कुछ बदल सकता है ?

फिर क्यों नहीं वर्तमान में …..

जिया जाये ? ?

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