दर्दे हाल

किसी का दर्दे हाल जानना है ,

तब
पास जाअो, करीब से देखो।

दूर से तो सब कुछ

सुहाना हीं सुहाना  दिखता है।

41 thoughts on “दर्दे हाल

    1. han, thik kahaa Madhusudan, Aajkal ke vyast jivan me dusro ke dukh batne ke tarike badal gaye hai. dur se baat karke kaam chalaa liyaa jataa hai. paas jaa kar yah kahanaa bhi maayne rkhtaa hai – sab thi ho jayega!!!!

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    1. शुक्रिया सविता, व्यस्त जीवन ने हमें अपनी उलझनों में ऐसे उलझा दिया है कि हम अक्सर दूसरों की बातों पर ध्यान हीं नहीं दे पाते हैं।

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  1. मेरे दर्द का एहसास तुम्हे क्या होगा
    मेरी बातों का विश्वास तुम्हे क्या होगा
    अरसा हुआ हमें मिले ,बतियाये
    मेरे जज्बातों का आभास तुम्हे क्या होगा

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    1. बहुत खूब !!!! आपने मेरी कविता के छूपे अर्थ को खूबसूरत शब्द दे दिया। बहुत आभार स्नेहलता।

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