काँच की किर्चियाँ

 

भरोसा दिल मे उतरने वाले पर करो, दिल से उतरने वालों पर नहीं।

टूटे काँच की किर्चियाँ  अौर  टूटा  भरोसा बङी चुभन देता है। ।

 

image from internet.

 

24 thoughts on “काँच की किर्चियाँ

  1. Wonderful and Amazing…

    जो रहते हैं दिलों में, वो ही उतरते हैं अक्सर,
    क्या पता, किस जगह, कोई ऐसा मिल जाय
    की जो काँच की किर्चियों सा नहीं चुभेगा ||

    I think you like it. Thank you very much for the wonderful lines. It’s a worth sharing…

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