By day I praised you and never knew it.
By night I stayed with you and never knew it.
I always thought that I was me — but no,
I was you and never knew it.
~ Rumi
By day I praised you and never knew it.
By night I stayed with you and never knew it.
I always thought that I was me — but no,
I was you and never knew it.
~ Rumi
मेरी पाँच कविताएँ / My 5 Poems Published in She The Shakti, Anthology– POEM 5
नवरात्रि की अष्टमी तिथि ,
प्रौढ़ होते, धनवान दम्पति ,
अपनी दरिद्र काम वालियों
की पुत्रियों के चरण
अपने कर कमलों से
प्यार से प्रक्षालन कर रहे थे.
अचरज से कोई पूछ बैठा ,
यह क्या कर रहें हैं आप दोनों ?
अश्रुपूर्ण नत नयनों से कहा –
“काश, हमारी भी प्यारी संतान होती.”
सब कुछ है हमारे पास ,
बस एक यही कमी है ,
एक ठंडी आह के साथ कहा –
प्रायश्चित कर रहें है ,
आती हुई लक्ष्मी को
गर्भ से ही वापस लौटाने का.
Source: कन्या पूजन ( कविता )
Image – Sundarban temple,
by Rekha Sahay.
मेरी पाँच कविताएँ / My 5 Poems Published in She The Shakti, Anthology– POEM 4
इस दुनिया मॆं मैने
आँखें खोली.
यह दुनिया तो
बड़ी हसीन
और रंगीन है.
मेरे लबों पर
मुस्कान छा गई.
तभी मेरी माँ ने मुझे
पहली बार देखा.
वितृष्णा से मुँह मोड़ लिया
और बोली -लड़की ?
तभी एक और आवाज़ आई
लड़की ? वो भी सांवली ?
Source: मैं एक लड़की ( कविता 1 )