दहलीज -कविता

Where words are restrained, the eyes often talk a great deal.

Samuel Richardson

मैं आँखों से बातें करती रही ……..

वे लबों को निहारते रहे।

दहलीज

पर खङी रही,

मुलाकात नहीं हुई,

मैं नजरों से पुकारती रही,

वे आवाज का  इंतज़ार करते  रहे।

 

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