
Empty nest syndrome is a feeling of loneliness, depression, sadness, anxiety and grief in parents, when their children leave home for job, further studies or to live on their own.
एमटी नेस्ट सिंड्रोम – बङे होने पर बच्चे नौकरी, अध्ययन या घर बसाने के लिये माता-पिता से अलग हो जाते हैं। जिससे माता-पिता मानसिक तनाव, चिंता, दु: ख और अकेलापन महसूस करते हैं । जैसे पंक्षियों के बच्चे बङे होते हीं घोंसला छोङ कर उङ जातें हैं, वैसे हीं बच्चे बङे होने पर घर छोङ कर वैसे हीं रिक्तता का अहसास माता-पिता को देते हैं। यह सिंड्रोम माता-पिता में अवसाद, उदासी, और दु: ख की भावनाएँ भर देता है।महिलाओं में एमटी नेस्ट सिंड्रोम पुरुषों से अधिक पाया गया हैं.
प्रभाव
1. जीवन के उतर्राध की समस्याँए
2. कुछ खोने की भावना
3. अवसाद और चिंता
4. आत्म पहचान खोने की भावना
5. वैवाहिक जीवन पर कुप्रभाव
6. महिलाओं में आम
सकारात्मक प्रभाव –
बच्चों के ना रहने से पारिवारिक काम के दायित्व अौर उससे संबंधित समस्याअों मे कमी आती है। जिससे माता-पिता को एक दूसरे के साथ जुड़ने के लिए नये अवसर मिलते है। फलतः आपसी संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव पङता है।
1. पारिवारिक काम के बोझ में कमी –
2. परिवार संघर्ष में कमी
3. संबंधों में सुधार –
समाधान
1. सच्चाई स्विकार करते हुए अपने आप को परिवर्तन के लिए अनुकूल करने का प्रयास करना चाहिये।
2. बड़े फैसले तब तक स्थगित करना चाहिये, जब तक मनःस्थिति अनुकूल ना हो। यह तनाव के स्तर को कम रखेगा। उदाहरण के लिये बच्चों के साथ रहने का निर्णय या बड़ा घर बेच कर छोटे घर में रहने का निर्णय आदि तभी लेना चाहिये, जब मन शांत हो जाये।
3. मित्रों और सहयोगियों से मिलना जुलना व संबंध बनाना चाहिये।
4. एक ऐसी बातों की सूची बनाएँ जो आप कभी करना चाहते थें। अपने
रुचि, शौक अौर शगल को फिर से जीवन में लायें।
5. अपनी हाबी को पुनः जीवित करें। लेखन, चित्रकला, संगीत जो भी चाहें, शौक को आगे बढ़ायें।
6. प्राणायाम, योग, व्यायाम आदि जरुर करें।
7. सकारात्मक दृष्टिकोण अपनायें।
सुझाव –
कुछ लोग अतिसंवेदनशील होते हैं। उनके लिये यह समस्या स्वंय सुलझाना सरल नाहीं होता है। ऐसे अभिभावकों को काउन्सिलर की मदद लेनी चाहिये।
images from internet.
😐😐😐
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Its true.we should take proper decision on time.In any condition spending sometime on your hobby or passion makes you happier.
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Thanks a lot. There is no age limit for following our passion and hobby. It gives us feeling of achievement and sense of satisfaction. 😊😊
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ya you are right.I meant the same
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Yes. Thank you.. 😊😊
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