जान की कीमत – कविता #poemonwar


Indian Bloggers

 

Political borders have divided the world.  Have they also divided our hearts? War fills us  with grief and pain and costs life of hundreds. Isn’t there a better way to solve disputes?

 

शहादतें थमती क्यों नहीं है?

लोग वहाँ भी मरते हैं , यहाँ भी मरते हैं।

घर – परिवार  उजङते हैं।

कल तक वो अपने थे।

आज दुश्मन हैं।

 विदेशी  शासकों की खींची सीमा रेखा

अौर कुछ देशी राजनीतिक नारों ने ,

गर, कत्लेआम करा दिया था.

हमनें समझा क्यों नहीं?

कितने भोले हैं हम ?

                      हमारे चैन की नींद के लिये,  सीमा पर कितने  चैन की

नींद सो जाते हैं?

क्या   युद्ध में  झलक नहीं है,

जंगल जीवों जैसा?

क्या किसी के पास है  इसका  उपाय ?

लोग युद्ध लङने की बातें करते हैं।

                  नहीं जानते क्या,युद्ध की विभिषिका ?

                          बारुद की ढेर पर बैठे हैं हम सब।

                                              जान की कीमत इतनी कम क्यों है?