मेरे मंदिरों में – कविता 

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मेरे मंदिरों में भी तुम सब

करते हो मोल -तोल.

कभी पुजारी और कभी भक्त बन कर.

बड़े पक्के हो ,

व्यापर करने में.

लेकिन क्या जानते हो ,

अपना अनमोल मोल ?

जो बिना किसी मोल -भाव

मैंने तुम्हें दिया ?

 

 

image from internet and rekha.

वक्त -कविता 

mirror

कभी तो.थोड़ा थम जा

ऐ वक्त

साँस लेने दे.

ज़रा सुस्ताने दे.

घड़ी की ये सूईया भी

भागी जा रही हैं

बिना पैरों ,

अपनी दो हाथों के सहारे.

कब मुट्ठी के रेत की

तरह तुम फिसल गये वक्त.

पता ही नहीँ चला.

वह तो आईना था.

जिसने तुम्हारी चुगली कर दी.

चेहरे पर चेहरा #मास्क#mask   -कविता 


Indian Bloggers

नकाब , हिजाब , परदे, ओट ,घूंघट , मुखौटे या मास्क.

कभी छुपाती खूबसूरती , कभी बदसूरती

कभी छुपाती खुशी, कभी ग़म हैं.

कही फरेब.छुपा होता हैं.

कहीँ आँसू.

कही दुल्हन का घूंघट , कही धोखे की आहट

कही धूप -छाँव से ओट.

छउ नाच या

सुंदरबन के बाघों को धोखा देते मुखौटे.

हर जगह चेहरे पर चेहरा !!!!!!!!

किस नकाब के पीछे.
ना जाने क्या रहस्य छुपा हैं ,

बंद लिफाफे के आकर्षण सा .

रहस्यमय मास्क

खींचती हैं हर नज़र अपनी ओर …..

 

 

INDISPIRE TOPIC

Rekha Sahay's avatarThe REKHA SAHAY Corner!

mask

नकाब , हिजाब , परदे, ओट ,घूंघट , मुखौटे  या मास्क.

कभी  छुपाती  खूबसूरती , कभी बदसूरती 

कभी छुपाती खुशी, कभी ग़म हैं.

कही  फरेब.छुपा होता हैं.

कहीँ  आँसू.

कही दुल्हन का घूंघट , कही धोखे की आहट 

कही धूप -छाँव से ओट.

छउ  नाच या 

सुंदरबन के बाघों को धोखा देते मुखौटे.

                                                     हर जगह चेहरे पर चेहरा   !!!!!!!!

किस  नकाब के  पीछे.
 ना जाने क्या रहस्य छुपा हैं ,

 बंद लिफाफे के  आकर्षण सा .

रहस्यमय मास्क 

 खींचती  हैं हर  नज़र अपनी ओर …..

mask 1

images from internet.

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