यह भोलापन, सच्चाई, ईमानदारी,
बचपना तो ईश ने हम सबों को दिया था,
पर्फ़ेक्ट या सर्वोत्तम रचना की थी .
मन के अंदर अंतरात्मा दी .
पर हमने सीख ली दुनियादारी , समझदारी ,
चालबाज़ी …….
और ना जाने क्या– क्या.
और कहते हैं – दुनिया ख़राब है !!
यह भोलापन, सच्चाई, ईमानदारी,
बचपना तो ईश ने हम सबों को दिया था,
पर्फ़ेक्ट या सर्वोत्तम रचना की थी .
मन के अंदर अंतरात्मा दी .
पर हमने सीख ली दुनियादारी , समझदारी ,
चालबाज़ी …….
और ना जाने क्या– क्या.
और कहते हैं – दुनिया ख़राब है !!
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