प्रतिपदा का कमज़ोर, क्षीण चाँद
थका हारा सा अपनी
पीली अल्प सी चाँदनी ,
पलाश के आग जैसे लाल फूलों पर
बिखेरता हुआ बोला –
बस कुछ दिनो की बात है .
मैं फिर पूर्ण हो जाऊँगा।
मेरी चाँदी सी चाँदनी हर अोर बिखरी होगी .
प्रतिपदा – पक्ष की पहली तिथि।
प्रतिपदा का कमज़ोर, क्षीण चाँद
थका हारा सा अपनी
पीली अल्प सी चाँदनी ,
पलाश के आग जैसे लाल फूलों पर
बिखेरता हुआ बोला –
बस कुछ दिनो की बात है .
मैं फिर पूर्ण हो जाऊँगा।
मेरी चाँदी सी चाँदनी हर अोर बिखरी होगी .
उस रात पूरा चाँद थोड़ा
मेरी ओर झुक आया ..
हँसा …..
बोला …..
अब फिर अमावस का अँधेरा मुझे घेरने लगेगा .
पर मैं हार नहीँ मानता कभी .
जल्दी ही पूरा हो कर
फ़िर आऊँगा …
शब्बा ख़ैर ! ! ! !