समय, पानी-सा बहता चला गया,
मुट्ठी में भरी रेत-सा हर लम्हा फिसल गया।
किससे पूछें हिसाब उन गुज़रे पलों का?
बस यह समझ आया……….
थामना नहीं चलते रहना जीवन है।

Happy Writing!!
समय, पानी-सा बहता चला गया,
मुट्ठी में भरी रेत-सा हर लम्हा फिसल गया।
किससे पूछें हिसाब उन गुज़रे पलों का?
बस यह समझ आया……….
थामना नहीं चलते रहना जीवन है।

Happy Writing!!
उम्र ने बहुत कुछ बदला –
जीवन, अरमान, राहें…….
समय – वक़्त ने भी कसर नहीं छोड़ी –
मौसम बदले, लोग बदले………
मन में यह ख़्याल आता है –
इतना ख़्याल ना करें, इतना याद ना करें किसी को …..
पर आँखे बंद करते –
मन बदल जाता है, ईमान बदल जाते हैं .

Source: वक़्त का खास होना…..
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