झुक कर रिश्ते निभाते-निभाते एक बात समझ आई,
कभी रुक कर सामनेवाले की नज़रें में देखना चाहिये।
उसकी सच्चाई भी परखनी चाहिये।
वरना दिल कभी माफ नहीं करेगा
आँखें बंद कर झुकने अौर भरोसा करने के लिये।
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अपने को माफ करके तो देखिये Forgive yourself
अपने आप से नाराजगी, शिकायतें
अपने आप से झगङा…..
क्यों हम करते हैं हर रोज़?
कभी अपने आप से प्यार अौर दोस्ती
करके तो देखिये।
अपने को माफ करके तो देखिये……
कितना सुकून मिलेगा।