नारी या ज़िद्दी पेड़

औरत क्या सिर्फ़ एक ज़िद्दी पेड़ की तरह है?

कही से उखाड़ कर कही और लगा दो।

उसे पनपना ही होगा।

चाहे उसमें इसकी शक्ति हो ना हो।

उसे पसंद हो ना हो।

पत्नी ना रहे तो कहते हैं आदमी कब तक रहे अकेला?

पति ना रहे तो कहते हैं –

पत्नी को वैधव्य धर्म निभाना चाहिए।

इतना फ़र्क़ क्यों?

Every woman should have the same

rights as men, because a woman is

the mother who gives birth to a man.

We should always respect them.

~~ RAJA RAM MOHAN ROY

(20th August 1828, the first session of Raja Ram Mohan Roy’s Brahmo Samaj was held in Kolkata.)

चमगादड़ और चीन- आओ थोड़ा हँस लें !

शाम के धुँधलके में एक बड़ा चमगादड़,

अपने विशाल पंख फैलाए,

इतराता, उड़ता हुआ ऐसे गुज़रा,

जैसे रातों का राजा हो …..

कहा हमने – बच्चू यहाँ हो इसलिए इतरा रहे हो,

चीन में होते तो सूप के प्याले में मिलते …….

पास के पेड़ पर उलटा लटक कर वह हँसा और बोला-

हम भी कुछ कम तो नहीं.

एक झटके में सारी दुनिया  उलट-पलट दी.

अब चमगादड़ का सूप पीनेवालों को

अपनी छोटी-छोटी पैनी आँखों से चिकेन भी चमगादड़ दिखेगा.