नजरे झुकाई, हाथों को जोङा
अौर
झुक गये ऊपर वाले की बंदगी में।
पर दुनिया का गुरुर तो देखो ,
सामने वाले ने
मान लिया अपने को भगवान !
नजरे झुकाई, हाथों को जोङा
अौर
झुक गये ऊपर वाले की बंदगी में।
पर दुनिया का गुरुर तो देखो ,
सामने वाले ने
मान लिया अपने को भगवान !
उस रात पूरा चाँद थोड़ा
मेरी ओर झुक आया ..
हँसा …..
बोला …..
अब फिर अमावस का अँधेरा मुझे घेरने लगेगा .
पर मैं हार नहीँ मानता कभी .
जल्दी ही पूरा हो कर
फ़िर आऊँगा …
शब्बा ख़ैर ! ! ! !
गगन से झुक कर पूछा चाँद ने
क्यों आँसू बहा रहे हो?
सामना करो कठिनाईयों का
किसी को फिक्र नहीं तुम्हारे अश्रुयों की ।
लोग इन पर कदम रखते गुजर जायेंगें।
क्योकिं
जिन पर तुम्हारे कदम पङे हैं
वे अोस नहीं मेरे अश्क हैं।