लोग हो ना हों, हौसले इनके ज़िन्दा हैं.
इतनी जल्दी भूल गए,
वेट बाज़ार- कोरोना कितना बड़ा फंदा है?
अपनी नहीं चिंता अगर,
दुनिया की तो सोचों.
इन चमगादड़, पैंगोलीन, कुत्तों की सोचों…….


लोग हो ना हों, हौसले इनके ज़िन्दा हैं.
इतनी जल्दी भूल गए,
वेट बाज़ार- कोरोना कितना बड़ा फंदा है?
अपनी नहीं चिंता अगर,
दुनिया की तो सोचों.
इन चमगादड़, पैंगोलीन, कुत्तों की सोचों…….


शाम के धुँधलके में एक बड़ा चमगादड़,
अपने विशाल पंख फैलाए,
इतराता, उड़ता हुआ ऐसे गुज़रा,
जैसे रातों का राजा हो …..
कहा हमने – बच्चू यहाँ हो इसलिए इतरा रहे हो,
चीन में होते तो सूप के प्याले में मिलते …….
पास के पेड़ पर उलटा लटक कर वह हँसा और बोला-
हम भी कुछ कम तो नहीं.
एक झटके में सारी दुनिया उलट-पलट दी.
अब चमगादड़ का सूप पीनेवालों को
अपनी छोटी-छोटी पैनी आँखों से चिकेन भी चमगादड़ दिखेगा.

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