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कहाँ से इंद्रधनुष निकला है ?
बरसात की हलकी फुहार
के बाद सात रंगों की
खूबसूरती बिखेरता इंद्रधनुष निकल आया।
बादलों के पीछे से सूरज की किरणें झाँकतीं
कुछ खोजे लगी….. बोली….
खोज रहीं हूँ – कहाँ से इंद्रधनुष निकला है ?
इंद्रधनुष की सतरंगी आभा खिलखिला कर हँसी अौर
कह उठी – तुम अौर हम एक हीं हैं,
बस जीवन रुपी वर्षा की बुँदों से गुजरने से
मेरे अंदर छुपे सातों रंग दमकने लगे हैं।
चेहरे पर चेहरा #मास्क#mask -कविता
नकाब , हिजाब , परदे, ओट ,घूंघट , मुखौटे या मास्क.
कभी छुपाती खूबसूरती , कभी बदसूरती
कभी छुपाती खुशी, कभी ग़म हैं.
कही फरेब.छुपा होता हैं.
कहीँ आँसू.
कही दुल्हन का घूंघट , कही धोखे की आहट
कही धूप -छाँव से ओट.
छउ नाच या
सुंदरबन के बाघों को धोखा देते मुखौटे.
हर जगह चेहरे पर चेहरा !!!!!!!!
किस नकाब के पीछे.
ना जाने क्या रहस्य छुपा हैं ,
बंद लिफाफे के आकर्षण सा .
रहस्यमय मास्क
खींचती हैं हर नज़र अपनी ओर …..

images from internet.

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