परख

धोखा खाया अपनों और बेहद अपनों से!

लेकिन तब हीं उन परायों की परख हुई ,

जो वास्तव में अपने थे।

6 thoughts on “परख

  1. जहाँ विश्वास
    वही प्रेम,
    और जहाँ प्रेम
    वही धोका है,
    मगर प्रेम करनेवालों को कहाँ डर,
    किसने उन्हें रोका है।

    Liked by 1 person

Leave a comment