जिनकी पुकार ,
मदद की गुहार
अनसुनी की जाती है .
उसे अपनी बातें दोहराने
की आदत पड़ जाती हैं.
फिर कहने वाले बड़े मज़े से कह देते हैं –
इन्हें तो पुरानी बातें दोहरने की आदत हैं.

जिनकी पुकार ,
मदद की गुहार
अनसुनी की जाती है .
उसे अपनी बातें दोहराने
की आदत पड़ जाती हैं.
फिर कहने वाले बड़े मज़े से कह देते हैं –
इन्हें तो पुरानी बातें दोहरने की आदत हैं.


विडम्बना
जिस चित्रकूट घाट पर तुलसीदास बैठा करते,
सती अनुसुइयाऋषि अत्रि की थी तपो भूमि ,
राम, लक्ष्मण सीता के वनवास की पावन भूमि .
उसे भी अपावन कर दिया कलयुग में.
क्या दोषी सज़ा पाएँगे या हमेशा की तरह …..
शान से घुमते नज़र आएँगे ?
जब मालूम हैं
संसार में जो कुछ भी मिला है ,
यहीं, पीछे रह जाएगा.
फिर क्यों इतना अहंकार ?
इतना पाने खोने की हैं दौड़ ?

पुरानी राहों पर निगाहें दौड़ने पर
खोए हुए लाल गुलाब की पंखुड़ियाँ
यहाँ वहाँ सूखी बिखरीं दिखीं.
उम्रदराज़ यादों को संजोना
क्या नीलकंठ बना देगा ?
या कलेजा जला देगा ?

नीलकंठ –

जिसे बचाने ख़ुद सोई ,
जागी उसी की आवाज से .
ऐसी होती हैं दिल से दिल की आवाज़
ममता कहो या कहो चमत्कार .
कुछ लोगों की
कुछ बातें
मन में गूँजती हैं.
कुछ खट्टी कड़वी ,
कुछ मीठी प्यारी .
ताउम्र इन लोगों को भुलना मुश्किल होता हैं.
अब सोचना यह हैं कि
लोग हमारी कौन सी
प्रतिबिंब…छवि मन में बसाएँ.
और याद रखें हमेशा .

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