अजीब सी दौड़

अजीब सी दौड़ है

ये ज़िंदगी …….

जीत जाओ तो

कई अपने पीछे छूट जाते हैं,

हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं।

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4 thoughts on “अजीब सी दौड़

    1. मुझे भी यह बड़ा बात दिल को छूनेवाली और सटीक लगी. मुझे अक्सर लगता है , मैं दुनिया के इस तरह के दौड़ के लिए fit नहीं हूँ .
      यह message किसी ने मुझे भेजा था. मैंने ब्लॉग पर डाल दिया .

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