चलो ख़ुद को ख़ुद से ख़ुद से बुद्धू बनायें !
सारे अधूरे आरमान , ख़्वाहिशें को जीभ चिढ़ायें,
खिलखिला कर अप्रैल फूल मना
ख़ुश होने की स्वाँग रचायें…….

चलो ख़ुद को ख़ुद से ख़ुद से बुद्धू बनायें !
सारे अधूरे आरमान , ख़्वाहिशें को जीभ चिढ़ायें,
खिलखिला कर अप्रैल फूल मना
ख़ुश होने की स्वाँग रचायें…….
