खुली खिड़की

मायूसियों के साये से निकलो,

किस खुली खिड़की से

कब ख़ुशियाँ झाँक कर

आवाज़ देंगी कौन जाने ?

23 thoughts on “खुली खिड़की

Leave a reply to Rekha Sahay Cancel reply