
घृणा से बढ़ती जा रही है घृणा .
दुश्मनी से दुश्मनी इस हद तक
कि क़त्ल कर चेहरे पर मुस्कान है .
नए आधुनिक हथियार
से मानवों का हीं हो रहा है संहार .
पता नहीं इसका अंत कहाँ होगा ?
मानवता ख़त्म हो रही है या मानव
या दोनों ?

घृणा से बढ़ती जा रही है घृणा .
दुश्मनी से दुश्मनी इस हद तक
कि क़त्ल कर चेहरे पर मुस्कान है .
नए आधुनिक हथियार
से मानवों का हीं हो रहा है संहार .
पता नहीं इसका अंत कहाँ होगा ?
मानवता ख़त्म हो रही है या मानव
या दोनों ?
Aha..!! You, the selfish people..
So fond of us, the selfless ones,
You know, whatever you do..
However, you use us..
Forever, you’ll get through,
You have a place, to come back..
To regain, our kind faith,
So easily, you gain..
Your lost love, back..!!
…………………………✍🏼💕
( If we can’t change the selfish people, how can we change the selfless ones..??)
324. Bravo World…!!! — Thoughtsmith

अंधेरे के बदले रौशनी की ओर देखो.
परछाइयाँ ख़ुद हीं ग़ायब हो जायेंगी.
इंद्रधनुष को देखा है ?
रोते हुए आसमान से भी
रोशनी की किरणें चुरा जगमगा
कर सतरंगो में ढल जाता है .


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