ख़त

पता बदल चुका है,

पर दिल है कि

मानता नहीं.

वही लवों पर छलकती

ख़तों की भाषा

पुरानी यादों की ख़ुशबू,

उसी पते पर आतीं और

द्वार खटखटातीं है.

14 thoughts on “ख़त

  1. क्षमा करना ma’am! एक सवाल पूछना चाहता हूँ कि अधिकतर हिंदी wordpress लेखक सायरी, गजल, कविता, प्रेम, दिल, जुड़ना-बिछड़ना आदि पर ही ज्यादा क्यों लिखते हैं?

    यानि दिमाग की कम दिल पे ज्यादा लिखते हैं।

    एक वक्त लगा सायद यहां रोमियो युवाओं की संख्या ज्यादा है इसलिए, परन्तु आप भी इस मिथक को दरकिनार करती हैं। 😊 मैनें क्षमा पहले ही मांग लिया है। 😊

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    1. 😊 प्रश्न interesting है. मुझे पसंद आई . तुम्हारी बातों से मैं पूरी तरह सहमत हूँ. माफ़ी माँगने की ज़रूरत नहीं है.
      तुम्हारे प्रश्न के दो उत्तर है-
      मेरे blog पर तुम्हें बहुत तरह के पोस्ट मिलेंगे . मैं अपने को किसी एक विषय या भाषा के साथ बँधना नहीं चाहती .
      दूसरी बात – यह है कि मैं जो पढ़ती रहतीं हूँ, उससे मेरे पोस्ट प्रभावित रहते है. आजकल रूमी के गुरु शमज तब्रिज की “ The forty Rules of love “ पढ़ रहीं हूँ. 😊

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      1. प्यार के चालीस नियम! मेरा तो एक भी नियम काम नहीं करता।😊 अच्छा है। धन्यवाद मैम! आप हमेशा खुश रहे। ☺

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      2. यह नियम, प्यार और आध्यात्म को एक मानता है. जो ख़ुद काम करता है और कहता है – हमें दिल की सुननी चाहिये. आज की दुनिया में यह कितना सही है, यह तो सब जानते है.
        खुशी अौर दुख तो रंग हैं जीवन के। आते जाते रहते हैं। आभार शुभकामनाअों के लिये। तुम भी हमेशा खुश रहो।

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  2. बहुत सरस कविता हैं। पुरानी यादों पर आधारित कवितायेँ व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत पसंद हैं।
    रेखा जी, कृपया अपनी पढ़ी हुई किताबों से सम्बंधित कुछ जानकारी अपने पोस्ट के माध्यम से शेयर करने का कष्ट करें। इससे ज्ञान का प्रसार होगा।

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    1. आभार दिव्या .
      मुझे पढ़ना पसंद है. अक्सर कुछ ना कुछ पढ़तीं रहती हूँ और उसकी बातें /quotes आप लोगों के साथ बाँटती भी रहती हूँ. हाँ book review कम हीं लिखती हूँ क्योंकि अपने लिए पढ़ने और रिव्यू के लिए पढ़ने में मेरे एहसास बदल जातें हैं.
      लेकिन आपका सुझाव वास्तव में बेहद पसंद आया . अब मैं ज़रूर कोशिश करूँगी .
      आजकल The forty rules of love पढ़ रहीं हूँ. जो रूमी और उनके आध्यात्मिक गुरु के बारे में है.

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