ग़ज़लों की किताब

हवाँ चुरा ले गयी थी

मेरे ग़ज़लों की किताब

पढ़कर उसे आसमाँ रो रहा है

और ज़माना समझ रहा है

के बारिश हो रही है,

किस कोने में सुखाऊँ

तेरी यादें बता,

बरसात बाहर भी है

और बरसात भीतर भी हो रही है

 

 

Unknown

 

Picture Courtsey: Zatoichi.

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