अपने लिए खड़े होना

कहते है –

जीत कर, फिर से हार जाना..

यही तो रवायत है, रिश्ता निभाने की…

पर जब किसी को सिर्फ़ जीतने की

आदत हो जाए .

झुकना नहीं सिर्फ़ झुकाना

ही नियम बन जाय……..

तब ?????

हारते और झुकते रहने

से अच्छा है –

अपने लिए खड़े होना सीखना ……

22 thoughts on “अपने लिए खड़े होना

      1. क्या आप blogging से कमाते है मुझे पैसों की ज़रूरत है तो कमाना है इसलिए मदद करदो

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      2. मैं पैसे नहीं earn करती हूँ क्योंकि मैंने कोई plan नहीं ख़रीदा है .
        इसके लिए wordpress का plan ख़रीदना पड़ता है .

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