वक़्त बहुत कुछ दिखलाता है .
कभी ख़ुशियों की बरसात ,
कभी ग़मों की धूल भरी आँधी .
ख़ूबी तो तब है , जब
अपने ऊपर से …….
हर आँधी को बस गुज़र जाने दें
घास की तरह .
वृक्ष की तरह तने रहे तो
टूट भी सकते है .

वक़्त बहुत कुछ दिखलाता है .
कभी ख़ुशियों की बरसात ,
कभी ग़मों की धूल भरी आँधी .
ख़ूबी तो तब है , जब
अपने ऊपर से …….
हर आँधी को बस गुज़र जाने दें
घास की तरह .
वृक्ष की तरह तने रहे तो
टूट भी सकते है .
