मुस्कुराते हुए जीना
भी जीने का है एक अन्दाज़ .
जितना मिला उसमें हीं जी लिए .
ख़्वाहिशो को भूल
चेहरे पर मुस्कुराहट रख
दर्द पी लिए .
फिर भी शिकायत
करने वालों को शिकायत है ,
क्यों तुम हँस कर जी लिए !!!!!

मुस्कुराते हुए जीना
भी जीने का है एक अन्दाज़ .
जितना मिला उसमें हीं जी लिए .
ख़्वाहिशो को भूल
चेहरे पर मुस्कुराहट रख
दर्द पी लिए .
फिर भी शिकायत
करने वालों को शिकायत है ,
क्यों तुम हँस कर जी लिए !!!!!

क्या बात। बहुत खूब।
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Thank you ☺️
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Beautiful poem of how life have variant colours to show
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Life has different colours. Thank you 😊
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Seriously . That’s the fact.
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Yes dear, thank you 😊
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🙌🙌 disturbingly wonderful
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Thank you ☺️
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डॉक्टर कुंअर बेचैन जी की मशहूर ग़ज़ल याद दिला दी रेखा जी आपने जिसका पहला शेर है : दो चार बार हम जो कभी हँस-हँसा लिए, सारे जहाँ ने हाथ में पत्थर उठा लिए’ ।
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सटीक शेर !!!! बहुत बार यह एहसास तकलीफ़ पहुँचाती है कि कुछ लोगों को दूसरों की हँसी से ज़्यादा आँसू रास आते है .
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