I see myself

I don’t know why ?

When I look at You,

I see myself.

❤ ❤  Rumi

12 thoughts on “I see myself

  1. My dear Rekha

    Somethings similar I have written some years ago:

    ONENESS
    We see a part of the other in us
    and a part of us in the other

    DidiArtist, 17.10.2014

    Have a great weekend and thanks for sharing Rumi’s quote –
    Rumi is also my favourite writer and he used to be also a competent Master.
    Didi

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  2. इस बात पर अलग-अलग गीतों, कविताओं और नज़्मों की कई पंक्तियाँ याद आ रही हैं मुझे रेखा जी । अभी केवल एक का ही ज़िक्र कर रहा हूँ । एक बहुत पुराना फ़िल्मी गीत है : ‘जीत ही लेंगे बाज़ी हम-तुम, खेल अधूरा छूटे ना; प्यार का बंधन जन्म का बंधन, जन्म का बंधन टूटे ना’ । इस गीत का अंतरा है : ‘मिलने की ख़ुशी, ना मिलने का ग़म, ख़त्म ये झगड़े हो जाएं; मैं मैं ना रहूं, तू तू ना रहे, इक दूजे में खो जाएं’ । संभवतः ऐसा ही कोई भाव रूमी जी की इन पंक्तियों में अंतर्निहित है ।

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    1. अति सुंदर उदाहरण . हाँ , शायद रूमी के कुछ ऐसे हीं विचार हों.
      रूमी की पंक्तियों में मुझे आध्यात्म, आध्यात्मिक प्रेम , भौतिक प्रेम , ज्ञान , मनोविज्ञान सब बातों की झलक मिलती है.

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