शाश्वत सत्य है यह रेखा जी लेकिन बहुत कम लोग इसे ठीक से जानते-समझते और महसूस करते हैं । राज कपूर जी की फ़िल्म – ‘राम तेरी गंगा मैली’ के अधिकतर गीत नायिका के लिए हैं (जो लता मंगेशकर जी ने गाए हैं) लेकिन एक गीत नायक पर फ़िल्माया गया है (सुरेश वाडकर जी के स्वर में) जिसके नायिका को संबोधित करते हुए शब्द हैं : ‘मुझको देखोगे जहाँ तक, मुझको पाओगे वहाँ तक, रास्तों से कारवाँ तक, इस ज़मीं से आसमां तक, मैं ही मैं हूँ, मैं ही मैं हूँ, दूसरा कोई नहीं’ ।
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Sure !!!!!
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Thank you 🙂
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शाश्वत सत्य है यह रेखा जी लेकिन बहुत कम लोग इसे ठीक से जानते-समझते और महसूस करते हैं । राज कपूर जी की फ़िल्म – ‘राम तेरी गंगा मैली’ के अधिकतर गीत नायिका के लिए हैं (जो लता मंगेशकर जी ने गाए हैं) लेकिन एक गीत नायक पर फ़िल्माया गया है (सुरेश वाडकर जी के स्वर में) जिसके नायिका को संबोधित करते हुए शब्द हैं : ‘मुझको देखोगे जहाँ तक, मुझको पाओगे वहाँ तक, रास्तों से कारवाँ तक, इस ज़मीं से आसमां तक, मैं ही मैं हूँ, मैं ही मैं हूँ, दूसरा कोई नहीं’ ।
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हाँ यह गीत और फ़िल्म याद है .
इस शाश्वत सत्य को प्रत्येक अपनी अपनी नज़र से देखते है .
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