शब्द अौर लफ्ज़

दिल से निकले

शब्द, लफ्ज़,  बातें वो  जादू कर सकते हैं,

जो शायद विधाता रचित

सुंदरतम चेहरा नहीं कर सकता।

38 thoughts on “शब्द अौर लफ्ज़

  1. ‘दिल से निकलती है जो आवाज़, असर रखती है; पर नहीं, ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है’ । शायद कुछ इससे मिलती-जुलती बात ही आप भी कहना चाहती हैं रेखा जी । लफ़्ज़ों में वाक़ई जादू होता है । और जो अल्फ़ाज़ दिल से निकलें, उनका जादू तो सुनने वाले के सर चढ़कर बोलता है ।

    Liked by 1 person

    1. अपने बिलकुल सही समझा है। मैं ने कई बार देखा है , शब्दों के जादू के सामने चेहरा गौण हो जाता है। 🙂

      Like

  2. सुंदरतम चेहरों के पीछे अच्छे अच्छे मूकदर्शक देखे है, और कम आकर्षण लेकिन अन्याय पर बेवाकी से बोलने वाले विद्वजन ।

    Liked by 1 person

Leave a reply to Savita Shetty Cancel reply